12Th हिन्दी V.V.I Question (Mark - 02)


Q.1. 'रोजकहानी में मालती ने किताब का क्या किया था?

Ans:- मालती ने उद्धृत स्वरों में कहामैं नहीं पढूँगीकिताब मैंने फाड़कर फेंक दी है।


Q.2. लपटन साहब (उसने कहा था कहानी का पात्र) की जेब से क्या बरामद हुआ था?

Ans:- 'लपटन साहबने जेब से बेल के बराबर तीन गोले निकाले । 


Q.3. जयप्रकाश नारायण की पत्नी का क्या नाम थाकिसकी पुत्री थी?

Ans:-  जयप्रकाश नारायण की पत्नी का नाम प्रभावती देवी था। वे ब्रज किशोर प्रसाद की पुत्री थी।


Q.4. मानक स्वयं को वहशी और जानवर से भी बढ़कर क्यों कहता है?

Ans:- 'सिपाही की माँशीर्षक एकांकी में मानक एक फौजी है। वह बर्मा में हिन्दुस्तानी फौज की ओर से जापानी सेना से युद्ध कर रहा है। मानक और दुश्मन सिपाही एक-दूसरे को घायल करते हैं। मानक भागता हुआ अपनी माँ के पास आता है। दुश्मन सिपाही उसका पीछा करते हुए वहाँ पहुँच जाता है। - मानक की माँ मानक को बचाना चाहती है। इस पर दुश्मन सिपाही मानक को बहशी और जानवर कहकर पुकारता है। मानक का पौरुष जाग उठता है तो घायल अवस्था में भी वह खड़ा होकर सिपाही को मारने का प्रयास करता है- और क्रोध की स्थिति में वह स्वयं को बहशी और जानवर से भी बढ़कर कहता है। मानक का ऐसा कहना अतिश्योक्ति नहीं है। समय और परिस्थिति के अनुसार उसका यह कहना यथार्थ है। दर्शकों की नजर में मानक की उक्ति प्रभावकारी एवं आकर्षक है।


Q.5. बिशनी और मुन्नी को किसकी प्रतीक्षा हैवे डाकिये की राह क्यों देखती हैं

Ans:-  बिशनी को अपने सिपाही पुत्र एवं मुन्नी को सिपाही भाई की प्रतीक्षा है। वे डाकिए की राह चिट्ठी आने की बजह से देखती है क्योंकि उसने पिछली चिट्ठी में लिखा था कि वे वर्मा की लड़ाई पर जा रहे हैं। माँ और बेटी किसी अनिष्ठ की शंका के कारण चिट्ठी का इंतजार करती हैं।


Q.6. 'उसने कहा थाकहानी का केंद्रीय भाव क्या है?

Ans:- 'उसने कहा थाप्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में लिखा गया कहानी है। गुलेरीजी ने लहना सिंह और सुबेदारनी के माध्यम से मानवीय संबंधों का नया रूप प्रस्तुत किया है। लहना सिंह सुबेदारनी के अपने प्रति विश्वास से अभिभूत होता हैक्योंकि उस विश्वास की नींव में बचपन के संबंध है। सुबेदारनी का विश्वास ही लहना सिंह को उस महान् त्याग की प्रेरणा देता है।

कहानी एक और स्तर पर अपने को व्यक्त करती है। प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर यह एक अर्थ में युद्ध-विरोधी कहानी भी है क्योंकि लहना सिंह के बलिदान व्यर्थ हो जाता है और लहना सिंह का करुण अंत युद्ध के विरुद्ध में खड़ा हो जाता है। लहना सिंह का कोई सपना पूरा नहीं होता ।


Q.7. माँ के लिए अपना मन समझाना कब कठिन है और क्यों?

Ans:-  माँ के लिए अपने मन को समझाना तब कठिन हो जाता हैजब वह अपना बेटा खो देती है। बेटा माँ की अमूल्य धरोहर है। माँ की आँखों का तारा होता है। माँ का सर्वस्व यदि क्रूर नियति द्वारा उससे छीन लिया जाता हैउसके बेटे की मृत्यु हो जाती है तो माँ के लिए अपने मन को समझाना कठिन होता है।


Q.8. प्रात:काल का नभ कैसा है

Ans:-  प्रातः कल का नभ बिल्कुल नीले राख के समान स्वच्छ था | उसकी नीलिमा के बीच आनेवाला उजाला हल्के रूप में झाँकता-सा नजर आता है | प्रातः काल की उस बेला में आकाश नीले राख-सा लगता है |


Q.9. नारी की पराधीनता कब से आरम्भ हुई?

Ans:-  जब मानव जाति ने कृषि का आविष्कार किया तो नारी घर में और पुरुष बाहर रहने लगा। यहाँ से जिन्दगी दो टुकड़ों में बँट गई। घर का जीवन सीमित और बाहर का जीवन असीमित होता गया एवं छोटी जिन्दगी बड़ी जिन्दगी के अधिकाधिक अधीन होती चली गई। कृषि विकास के साथ ही नारी की पराधीनता आरम्भ हो गई।


Q.10. भगत सिंह की विद्यार्थियों से क्या अपेक्षाएँ हैं?

Ans:-  भगत सिंह विद्यार्थियों को राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण कारण मानते थे। सच्ची लगनसच्चरित्रताएकनिष्ठ भावना एवं नैतिक गुणों के साथ विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ राजनीति में भी सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य किरानी पैदा करना नहीं यह अनुपयोगीनिकम्मी और अहितकर हैं। आज के नौजवान कल के राष्ट्र के कर्णधार हैंरक्षक हैशासक है अतःउन्हें सम्यक् अध्ययन के साथ देश की स्वतंत्रता एवं सम्पन्नता के लिए ठोस कार्य करना चाहिए। इसके लिए उन्हें आत्म बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए।


Q.11.  मानक और सिपाही एक-दूसरे को क्यों मारना चाहते हैं?

Ans:- “सिपाही की माँशीर्षक एकांकी में मानक और सिपाही दो पात्रों के क्रम की भूमिका एकांकी के अन्तिम प्रसंग में आती है। दोनों दो देश के फौजी हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय वे एक-दूसरे के खिलाफ बर्मा में युद्ध कर रहे हैं। मानक हिन्दुस्तानी फौजी है और अन्य सिपाही जापानी फौजी हैं। युद्ध में मानक ने कई घातक प्रहार सिपाही पर किये हैं। सिपाही भी मार खाकर घायल शेर की तरह मानक का पीछा करता है। वह मानक को भी घायल करता है। एक-दूसरे को जान से मारना चाहते हैं। ऐसा युद्ध नीति के अनुकूल है। युद्ध में दुश्मन को छोड़ना युद्ध नीति के विरुद्ध है। इसीलिए मानक और सिपाही एक-दूसरे को मारना चाहते हैं।


Q.12. कुंती का परिचय दें।

Ans:- कुंती 'सिपाही की माँशीर्षक एकांकी की एक पात्र है। वह एक अच्छी पड़ोसन के रूप में रंगमंच पर प्रस्तुत हुई है। यद्यपि कुंती की भूमिका थोड़े समय के लिए है। तब भी उसे थोड़े में आँका नहीं जा सकता। यह बिशनी की पुत्री मुन्नी के विवाह के लिए चिंतित है। वह स्वयं मुन्नी के लिए वर-घर खोजने को भी तैयार है। वह बिशनी को सांत्वना भी देती है। बिशनी के पुत्र मानक के बर्मा से सकुशल लौटने की बात भी वह करती है। बिशनी के प्रति उसकी सहानुभूति उसके शब्दों में स्पष्ट दिखाई पड़ती है। वह कहती है तू इस तरह दिल क्यों हल्का कर रही है। कुंती वर्मा के लड़कियों के प्रति थोड़ा कठोर दिखाई देती है। उनके हाव-भाव एवं पहनावे तथा भिक्षाटन पर थोड़ा क्रुद्ध भी हो जाती है। उनका इस तरह से भिक्षा माँगना कतई अच्छा नहीं लगता है यह कहती भी है-'हाय रे राम ! ये लड़कियाँ कि.............|


Q.13. हृदय की बात का क्या अर्थ है?

Ans:- घनघोर कोलाहलअशांति और कलह के बीच हृदय की बात का कार्य मस्तिष्क को शांति पहुँचानाउसे आराम देना है। मस्तिष्क जब विचारों के कोलाहल से घिर जाता है तो हृदय की बात उसे आराम देती है। हृदय कोमल भावनाओं का प्रतीक है जो मस्तिष्क को विचारों के कोलाहल से दूर करता है। इस प्रकार कवि को अशांतिपूर्वक वातावरण में भी उज्ज्वल भविष्य सहज ही दृष्टिगोचर होता है।


Q.14.  हरचरना कौन है?

Ans:- हरचरना 'अधिनायकशीर्षक कविता में एक आम आदमी का प्रतिनिधित्व करता है। वह एक स्कूल जानेवाला बदहाल गरीब लड़का है। राष्ट्रीय त्योहार के दिन झंडा फहराए जाने के जलसे में राष्ट्रगान दुहराता है। हरचरना की पहचान 'फटा सुथन्नापहने एक गरीब छात्र के रूप में है।


Q.15. अधिनायक कौन है?

Ans:- कवि के अनुसार 'अधिनायकआज बदले हुए तानाशाह है। वे राजसी ठाट-बाट में रहते हैं। उनका रोब-दाब एवं ताम-झाम भड़कीला है। वे ही अपना गुणगान आम जनता से करवाते है। आज उनकी पहचान जनप्रतिनिधि की जगह 'अधिनायकअर्थात् तानाशाह की पहचान बन गई है।